Saturday 25th Jan 2025
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3 अक्टूबर को होगा अटल टनल का नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन

3 अक्टूबर को होगा अटल टनल का नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन

हिमाचल के रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक महत्‍व की सुरंग बनाए जाने का फैसला 03 जून 2000 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल के समय लिया गया था। सुरंग के दक्षिणी भाग को जोड़ने वाली सड़क की नींव 26 मई 2002 को रखी गई थी। अटल बिहारी बाजपेयी ने साल 2003 में रोहतांग टनल का पहला पत्थर रखा।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती से एक दिन पूर्व 24 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री  श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई  केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रोहतांग टनल को ‘अटल टनल’ का नाम देने की घोषणा की गई थी।

सुरंग के चालू होने से मनाली से लेह की दूरी जहां 46 किलोमीटर कम हो जायेगी वहीं मनाली से लेह जाने में अब 4 से 5 घंटे  भी कम लगेंगे। 9.02 किलोमीटर लंबा यह सुंरग अब पूरे साल मनाली को लाहौल स्पीति के साथ जोड़े रखेगा और यह सुरंग अब 24 घंटे और 12 महीनों चालू रहेगी, चाहे बर्फबारी हो कुछ और। यह टनल समुद्र से 10,000 फीट की ऊँचाई पर आधुनिक तकनीकों के साथ बना है।  इस अटल टनल में 3000 गड़ियाँ और 1500 ट्रक प्रतिदिन आवाजाही कर सकेंगे  80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से।टनल को स्टेट ऑफ आर्ट एलक्ट्रोमैकेनिकल सिस्टम से तैयार किया गया है जिसमें सेमी ट्रासवर्स वेंटिलेशन सिस्टम, SCADA कंट्रोल फायर फाइटिंग, इल्युमिनेशन एंड मॉनिटरिंग सिस्टम शामिल हैं।

शुरुआती दौर में टनल की निर्माण लागत लगभग 1400 करोड़ रुपये आंकी गई थी। साल 2014  मे टनल को तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। टनल के निर्माण मे करीब  4 हजार करोड़ तक पहुंच सरकार द्वारा लगाए गए हैं।अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर बने इस टनल का उद्घाटन 3 अक्टूबर को प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जायेगा।