बाबा लोकनाथ पश्चिम बंगाल के लोगों द्वारा पूजे जाने वाले लोकदेवता है। बाबा को मानने वाले उन्हें त्रिकालदर्शी और अनाश्वर मानते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि वे आज भी सब के दुख और चिंता का निवृत्ति करते हैं। बाबा लोकनाथ के प्रति श्रद्धा रखने वाले श्रद्धालुओं के अनुसार बाबा 160 साल तक जीवित थे। उनका जन्म सन 1730 में हुआ था और सन 1890 में उन्होंने समाधि ले ली थी। करोड़ों भक्तों का मानना है कि हर मुसीबत में बाबा साक्षात उनका साथ देते हैं। प्रतिवर्ष उनकी पूजा बड़ी धूमधाम से उनके भक्त करते हैं लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष कोई भी बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया।
कोरोना महामारी के बीच बंगाल के कई क्षेत्रों में गुरुवार को बाबा लोकनाथ के 131वें तिरोधाम दिवस के अवसर पर कोरोना दिशा-निर्देश का पालन करते हुए लोगों ने बड़े ही साधारण तरीके से पूजा अर्चना की। बाबा के तिरोधाम के दिन कई मंदिरों में मंदिर में लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते थे लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष मंदिर में बड़ा कार्यक्रम आयोजित नहीं करते हुए लोगों ने घर पर ही पूजा करते हुए बाबा को याद किया है। उनके भक्तों का मानना है कि बाबा सिर्फ पानी और बताशा से ही प्रश्न होकर भक्तों की झोली भर देते हैं। बाबा को मानने वाले भक्त हिंदू और मुसलमान दोनों में है।