पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में राज्य के 4 बड़े नेताओं की गिरफ्तारी और उसके बाद उत्पन्न हुई कानून व्यवस्था के मामले में कोलकाता हाईकोर्ट ने 30 जून को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक का हलफनामा स्वीकार कर लिया है, लेकिन इसके साथ ही दोनों पर 5-5 हजार का जुर्माना लगाया गया है।
गौरतलब है कि सीबीआई ने नारद मामले में तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद ममता बनर्जी सीबीआई के ऑफिस में जाकर बैठ गई थी और बाहर तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने हंगामा कर तोड़फोड़ किया था। तृणमूल सरकार का कहना था कि इन नेताओं के विरुद्ध सीबीआई को कार्रवाई करने की अनुमति नहीं दी जाए, लेकिन राज्यपाल से विशेष इजाजत लेकर सीबीआई ने इन नेताओं को गिरफ्तार किया था।
इधर, सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए हाईकोर्ट से कुछ वक्त मांगा है। जिसपर कोर्ट ने उन्हें हलफनामा पेश करने के लिए10 दिन का समय दिया है। उधर, सीबीआई की विशेष अदालत में इन नेताओं की पेशी से पहले कानून मंत्री कोर्ट पहुंच गए थे। जिस पर सीबीआई के वकील ने कहा कि उनके इस व्यवहार के कारण कोर्ट पर काफी दबाव बन गया था। इसलिए सीबीआई चाहती है कि इस मामले की सुनवाई दूसरे राज्य में की जाए।