पश्चिम बंगाल में मार्च,अप्रैल और मई महीने में कोरोना अपने चरम सीमा पर था। स्वास्थ्य विभाग की हाल ही में आई रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि बंगाल में कोरोना के दूसरी लहर के पीछे इसका डेल्टा वेरियंट मुख्य कारण था।
रिपोर्ट में वर्णन है कि जब मार्च महीने में पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर आई थी तब बंगाल में कोरोना से संक्रमित लोगों में से 10% इसके डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित पाए गए थे। अप्रैल में इसकी संख्या बढ़कर 50% हो गई थी। वहीं मई में तो 85% कोरोना संक्रमित लोग डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित थे।
वहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डेल्टा वेरिएंट से 15 साल से अधिक आयु के 72-75% लोक संक्रमित पाए गए थे और 15 वर्ष से कम आयु के लोग सिर्फ 6% कोरोना के इस वेरिएंट से प्रभावित हुए थे। यद्यपि बंगाल के स्वास्थ्य अधिकारी अजय चक्रवर्ती ने अच्छी खबर देते हुए कहा कि बंगाल संस्करण मार्च के अंत में आया और अप्रैल में चला गया और मई में इसने राज्य का साथ छोड़ दिया।