पूरे देश समेत बंगाल में भी कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर का प्रकोप छाया हुआ है। तीसरी लहर के आने के पहले से ही कोरोना टीकाकरण को प्राथमिकता दी जा रही है जिससे आने वाले समय में तीसरी लहर के प्रकोप से बचा जा सके। वहीं, हावड़ा में कुछ दिन पहले 2 साल के आयु तक स्तनपान कराने वाली माताओं के टीकाकरण कार्यक्रम पर जोर देते हुए अलग से शिविर बनाने की आयोजन की गई थी, लेकिन उपयुक्त मात्रा में एंटीडोट्स की पूर्ति नहीं होने की वजह से कार्यक्रम लगभग थम सा गया है।
जिला स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हावड़ा में स्तनपान कराने वाली माताओं की संख्या लगभग 130,000 है। इस कार्यक्रम का प्रारंभ प्रतिदिन 30 हजार माताओं को दवा देने के उद्देश्य से की गई थी, परंतु एंटीडोट्स की वर्तमान संख्या घटकर 5 से 10 हजार हो गई है। वहीं कुछ दिन पहले 1 दिन में 30 हजार खुराक भेजे गए थे। हावड़ा नगरपालिका के 17 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 15 हजार खुराक देने के बाद भी कुछ नहीं मिला। इन सभी कारणों से दूसरी खुराक तय समय के भीतर देने में परेशानियां उत्पन्न हो रही है।
वहीं दूसरी ओर जिला स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब पहली खुराक देने के बारे में नहीं सोचते हुए दूसरी खुराक देने को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि पहले 12 वर्ष की आयु तक की माताओं के टीकाकरण को प्राथमिकता देने का निर्णय किया गया था क्योंकि तीसरी लहर में संक्रमण का खतरा अधिक है।
इधर, जिला के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी निताई चंद्र मंडल ने कहा कि 2 वर्ष तक के बच्चों की माताओं को ही टीका नहीं मिल पा रहा है तो बाकी माताओं के टीकाकरण की योजना कैसे मुमकिन होगी?