Saturday 25th Jan 2025
देश

केंद्र सरकार का ऐलान अस्पताल में इलाज के लिए कोरोना जांच अनिवार्य नहीं

केंद्र सरकार का ऐलान अस्पताल में इलाज के लिए कोरोना जांच अनिवार्य नहीं

देश में कोरोना संक्रमण के मामले इतने बढ़ गए हैं कि अस्पताल में इलाज के लिए पर्याप्त सुविधाएं भी नहीं है। वहीं अस्पताल में इलाज कराने के लिए लोगों को पहले कोरोना संक्रमण की जांच करानी पड़ती है। जिससे लोगों को रिपोर्ट के चक्कर में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इन सब कारणों से कई मरीजों ने अपनी जान तक गंवा दी है। जिसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नए दिशानिर्देश जारी किए है। जिसके अंतर्गत अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती होने वालों को अब कोरोना रिपोर्ट देने की जरूरत नहीं है। इस संदर्भ में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव को आदेश देते हुए कहा गया है कि नई नीति को आने वाले 3 दिनों में जारी किया जाए।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार की नई नीति के अंतर्गत संदिग्ध मरीजों को सस्पेक्टेड वाॅर्ड में भर्ती किया जाएगा। यह वाॅर्ड कोरोना देखभाल केंद्र, पूर्ण समर्पित कोरोना देखभाल केंद्र और कोरोना अस्पतालों में भी बनाए जाएंगे। सरकार द्वारा बनाई गई नई नीति में यह भी साफ किया गया है कि मरीजों को उनके राज्य के आधार पर इलाज करने से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन सभी लोगों के लिए नियम जारी किया है जिनके पास कोई पहचान पत्र नहीं है। ऐसे लोगों को कोविन ऐप से पंजीकृत किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि होम आइसोलेशन में 10 दिनों तक रहने के बाद अगर लगातार तीन दिन तक बुखार ना आए तो ऐसी परिस्थिति में मरीज होम आइसोलेशन से बाहर आ सकते हैं। नई दिशानिर्देश के अनुसार स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मरीज की हालत को हल्का या बिना लक्षण वाला केस तय किया जाना चाहिए। ऐसे मरीजों को उनके घर पर ही उचित सुविधाएं और वेंटिलेशन की व्यवस्था भी होनी चाहिए और उनका ऑक्सीजन लेवल 94% से ज्यादा होना चाहिए।